रायपुर (वायरलेस न्यूज़ 3जनवरी21) सामान्य वर्ग सहित अन्य के 40 से 45 वर्ष की आयुसीमा वाले शासकीय सेवक, शिक्षाकर्मी, पंचायत कर्मी, राष्ट्रीय खेल / राज्य की खेल में पुरस्कार प्राप्तकर्ता अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अंतर्गत पात्र,हजारों अभ्यर्थी नही भर पा रहे आवेदन
छत्तीसगढ़ लोकसेवा परीक्षा

2020 के लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा डिप्टी कलेक्टर डीएसपी सीएमओ नायब तहसीलदार सहित 142 पदों के के लिए प्री एग्जाम के लिए ऑनलाइन आवेदन भराया जा रहा है। 12 जनवरी तक ऑनलाइन फार्म भरने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। आवेदन आयोग की वेबसाइट cgpsc.nic.in पर पंजीयन और विवरण भरे अंतर्गत दो चरणों में भराया जा रहा है।

आयु सीमा में छूट का नियम-
भर्ती परीक्षा हेतु जारी विज्ञापन में राज्य सेवा परीक्षा नियम 2008 अनुसार आयु सीमा में छूट के संबंध में पांच (ग) (आ)का एक से 18 तक प्रावधान किया गया है।छत्तीसगढ़ के मूल निवासी डोमेसाइल पात्रता अनुसार 40 वर्ष की आयु तक आवेदन कर सकते हैं साथ ही छूट के नियमो – प्रावधानों के अंतर्गत 45 वर्ष की आयु के पुरुष अभ्यर्थी को आवेदन की पात्रता है।
*सभी वर्गों के लिए छूट का प्रावधान*

-आयु सीमा नियमो में एससी/ एसटी/ ओबीसी सहित शासकीय सेवक / संविदा कर्मी / पंचायत कर्मी शिक्षाकर्मी/ राष्ट्रीय व राज्य की खेलों में पुरस्कार प्राप्तकर्ता /अंतर्जातीय विवाह कर्ता को आयु सीमा में छूट/ नगर सैनिक आदि के लिए भी परीक्षा में आवेदन करने के छूट संबंधी प्रावधान किए गए हैं। राज्य सेवा भर्ती के नियमों में लेख है किसी भी वर्ग के पुरुष अभ्यर्थी हेतु कुल छूट 45 वर्ष की आयु सीमा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

*पात्रता के बावजूद खारिज हो रहे है आवेदन*-

आपको बताना लाजमी होगा लोक सेवा भर्ती परीक्षा 2020 की
हालिया आवेदन प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट हेतु पात्र सामान्य वर्ग सहित शिक्षाकर्मी, पंचायत कर्मी, नगर सैनिक राष्ट्रीय राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करता अंतर जाति विवाह प्रोत्साहक अभ्यर्थी जो सामान्य वर्ग में 40 से 45 वर्ष की आयु सीमा के बीच आते हैं उनका आवेदन आयोग के द्वारा आयु सीमा में छूट हेतु पात्र होने के बावजूद पंजीयन के चरण में ही ओवररेज बताकर अमान्य कर दिया जा रहा है । इस प्रकार हजारों की संख्या में ऐसे अभ्यर्थी जो शासकीय सेवा में है या फिर शिक्षाकर्मी, पंचायत कर्मी या नगर सैनिक आदि के रूप में भी काम करते करते परीक्षा दिलाते हैं, और ऐसे पुरुष अभ्यर्थी की आयु सीमा 40 से 45 के बीच है उनका आवेदन पंजीयन के प्रथम प्रक्रिया में ही रिजेक्ट हो जा रहा है

अनेक विद्यार्थी ऐसे भी हैं जो समान नियम और शर्तों के आधार पर जारी सत्र 1 जनवरी 2020 से आयोग की गणना संबंधी छूट नियम अनुसार वन सेवा परीक्षा में भाग ले रहे हैं लेकिन
छत्तीसगढ़ लोक सेवा परीक्षा के लिए समान नियमों पर उनका आवेदन खारिज हो जा रहा है।

*आयोग की हेल्पलाइन खुद समस्याग्रस्त*-
ऑनलाइन फॉर्म भरते समय समस्या के संबंध में समाधान हेतु लोक सेवा आयोग के द्वारा जारी हेल्पलाइन ठेके पर काम कर रही है उसमें उपस्थित कर्मचारी प्राइवेट एजेंसी से संबंधित होने के कारण सॉफ्टवेयर में खामी को स्वीकारते तो हैं लेकिन सुधार के संबंध में कुछ भी स्पष्ट बता पाने की स्थिति में नहीं है और ना ही उन्हें नियमों के संबंध में नए निर्देश आदि की कोई जानकारी है। समाधान के लिए खोली गई है हेल्पलाइन खुद समस्या बन गई है। हेल्पलाइन के अटेंडर अभ्यर्थियों को ठीक से जानकारी देने के बजाय फोन काट देते हैं। आयोग कार्यालय में जाकर जानकारी लेने के लिए कहते हैं।
ज्ञातव्य हो कि 2019 लोक सेवा भर्ती परीक्षा प्रारंभिक स्तर में उत्तरों की गड़बड़ी के कारण छ ग हाई कोर्ट के निर्णय के आधार पर दोबारा रिजल्ट निकाला गया और एक साल से भी ज्यादा समय से मुख्य परीक्षा के साथ अंतिम चयन लंबित है। विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति है कि मुख्य परीक्षा कब होगी पहले प्रारंभिक परीक्षा होगी या मुख्य परीक्षा होगी? परीक्षा योजना का पालन नहीं किए जाने से विद्यार्थियों में भ्रम की स्थिति है।

*विवादों से छत्तीसगढ़ पीएससी का पुराना नाता*-
छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा की जाने वाली भर्ती 2003 से ही विवादित रही है। 2003 भर्ती परीक्षा की चयन सूची जारी करने संबंधी मामले में सालों बाद भी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लंबित है। इस बीच लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली एवं परीक्षा पद्धति में कई बार बदलाव किए जाने के बावजूद भी प्रतियोगियो को होने वाली दिक्कतों को लेकर अनेक मामले न्यायालय में पहुंचे तथपि लोक सेवा आयोग के द्वारा भी गलतियों का सिलसिला जारी है जिसका खामियाजा बड़ी संख्या में राज्य के युवाओं को झेलना पड़ रहा है।
लोक सेवा आयोग द्वारा की जा रही अनदेखी से और सॉफ्टवेयर संबंधी संभावित गड़बड़ी से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी जो परीक्षा की तैयारी में लगे हुए हैं, नियमानुसार पात्र होने के बावजूद भी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया में जानकारी के अनुसार आयोग के सचिव के द्वारा विषय पर संज्ञान लेते हुए त्रुटि सुधरवाने और सभी वर्गों को नियम अनुसार समान अवसर दिए जाने की बात कही गई है किंतु अंतिम तिथि 12 जनवरी को देखते हुए त्वरित कार्यवाही नहीं होने से ऐसे अभ्यर्थी न्यायालय की रिट दायर करने योजना बना रहे हैं जिससे 2020 की भर्ती परीक्षा भी खटाई में पड़ सकती है। लोकसेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे है प्रतियोगियों की आयोग से अपेक्षा है मामले के त्वरित निदान हेतु स्वतः पहल करना चाहिए।